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माय आर्मी लव ♥️ ए स्पाई लव स्टोरी.....(भाग - 6)

भाग - 6

अभी तक आपने देखा कि नवनीत के हाथो से फोन गिर जाता है । सभी उसके पास आते है।
तीनो पूछने लगते है - क्या हुआ? घर पर सब ठीक है न?? 
नवनीत शांति से खड़ा रहता है।
प्रविष्ठ तेज से चिल्लाकर - कुछ बोलेगा???
नवनीत - मेरी जिंदगी तबाह होने वाला है......
सुमेध - ऐसा क्या हो गया?
नवनीत - मां.....मां
तीनो - क्या हुआ मां को?
नवनीत - मां मेरा रिश्ता तय कर दी......क्या करू मै? आज मिलने जाना है रेस्टोरेंट में लड़की से
आलोक - लेकिन वो लड़की अपने शहर से यहां कैसे आएंगी इतनी जल्दी?
नवनीत - वो आ चुकी है। यहां घूमने आई है तो मां बोली अच्छा मौका है मिल लो दोनो.....भाई बचा ले मुझे
सुमेध - डर क्यू रहा है ? शार्प शूटर है तू नवु
नवनीत - अरे हा.... गन किधर गई मेरी। 
प्रविष्ठ - देख भाई कौन सा अभी शादी हो रही। तू मिल,,,जब पसंद आएगा तू उसे तभी न वो शादी करेगी
नवनीत - हा तुम लोग भी चलो। मेरी झूठी बुराई कर देना
तीनो - तो उसमे झूठ बोलने की क्या जरूरत? बुराई तो कूट कूट कर भरी है तुझमें
नवनीत उसे मारने को दौड़ता है और सभी भागते है।
नवनीत - रुको आज तो पहले तुम तीनो को ठोकूंगा
सभी रात में फिर मुस्तैदी पर चले जाते है।
अगली सुबह....... 
सभी नहाकर तैयार होकर रेस्टोरेंट के लिए निकलने वाले होते है कि आर्मी चीफ मिलते है।
चारो आर्मी चीफ को सैल्यूट करते है।
आर्मी चीफ - इतनी सुबह तैयार होकर किधर जवानों?? रात में मुस्तैदी किए हो आराम करो
प्रविष्ठ - सर बुराई करने जाना है।
आर्मी चीफ - क्या? हम देश के रक्षक है कभी बुराई नही कर सकते किसी की
नवनीत - चुप हो जा भाई.... सर मुझे रिश्ता देखने जाना है
आर्मी चीफ - बहन का ?
नवनीत - नही मेरा
आर्मी चीफ - अच्छी बात है। जाओ जाओ । रिश्ता पक्का होने पर लड्डू जरूर  बाटना
आलोक बड़बड़ाते हुए - ये रिश्ता पक्का होने देगा तब न 
आर्मी चीफ - क्या?
नवनीत - कुछ नही सर। आपको कुछ काम था?
आर्मी चीफ - हा ब्रिगेडियर सर आ गए है रात में ही। अपने क्वाटर पर है। जल्द ही मुलाकात होगी उनसे
नवनीत आंखे फाड़ - क्या ??
आर्मी चीफ चले जाते है।
सुमेध - तो आज ब्रिगेडियर सर से मुलाकात होगी
नवनीत - क्या यार,,,भगवान मेरी लाइफ झंड करने पर क्यू तुला है?
प्रविष्ठ - चल भाई पहले बुराई करके आते है। मतलब लड़की देख के।
आलोक - किसी लड़की को साथ ले ले क्या? स्नेहल को?
सुमेध - ना
प्रविष्ठ - हा.... 
सुमेध - ना पता चला वहा गई तो रेस्टोरेंट में खुद गिरी और समान भी गिरा दी। और तू मुद्रा के लिए बोल रहा न कि उस मिस चश्मिश के साथ मुद्रा आयेगी? चल चुप चाप।
चारो रेस्टोरेंट के लिए जाते है। वहा जाकर लड़की को खोजने लगते है।
सुमेध - कैसे पता चलेगा कि कौन सी लड़की है?
नवनीत - अरे मां बोली सफेदी की चमकार बन आयेगी।
आलोक - देख सफेद कपड़े में लड़की। 
प्रविष्ठ - किधर?
आलोक - देख कोने वाले टेबल पर...
चारो लोग कोने के टेबल पर देखते है एक लड़की उनकी और पीठ किए सफेद पटियाला में बैठी थी। 
नवनीत - चलो जवानों काम चालू....
और चारो वहा पहुंचते है।
सुमेध - एक्सक्यूज मि...
वो लड़की खड़ी होकर मुड़ते वाली होती है कि नवनीत बोलता है।
नवनीत - अरे एक्सक्यूज क्या बोल रहा? सीधा फायर कर । देखिए मिस मै एक नंबर का खराब आदमी हु। 
प्रविष्ठ - भाई खराब नही खराब नही.....
नवनीत - थैंक्स भाई
प्रविष्ठ - घटिया बोलो..... 
नवनीत प्रविष्ठ को घूरता है।
प्रविष्ट - क्या यही बोलना है न?
सुमेध - मौके पर चौका मारना कोई प्रविष्ठ बाबू से सीखे
आलोक - मैम आपको क्या पता....ये आदमी नहाने के बाद गीली तौलिया बेड पर छोड़ देता है,,सोचिए आपके बेड सीट को खराब कर देगा,,फिर आपको मर मर के सफाई करनी होगी। और इसे चीनी नमक का कोई अंदाजा नही,,,हो सकता है आप चाय में चीनी मांगे तो चूहे मारने की दवा मिला के दे दे। क्युकी बेचारे को पता ही नही कुछ 

फिर सुमेध को बोलने का इशारा करता है।
सुमेध - ये अपने बड़ो की इज्जत नहीं करता,,, और हमारे ब्रिगेडियर सर की बहुत चुगली करता है। इतनी बुराई करता है क्या बताऊं। माना सर के सर पर बाल नही तो क्या टकलू बोलेगा?
तभी वो लड़की मुड़ते हुए - टकलू????
नवनीत - हा हा ( अचानक से उस लड़की को देखता है) हा हा हा हा 
प्रविष्ठ - क्या एक ही जगह अटक गया,, 
नवनीत - शादी के लिए हा है मेरी। बोलो शादी का कार्ड कल का ही छपवा दु?
वो लड़की - लेकिन मै तुमसे क्यू शादी करू?? 
नवनीत - अरे मां से बात हो गई है आपके पापा की,,,अब ऐसे कैसे मना कर रही आप? आपके परिवार वालो पर क्या बीतेगी?
वो लड़की - व्हाट?? पागल हो क्या 
तभी एक लड़की - अरे नवनीत जी आप
नवनीत - प्लीज आप बाद में बोलना अभी कुछ जरूरी बात चल रही।
वो लड़की - अरे शादी की बात से जरूरी कोई बात हो सकती है क्या?
चारो लोग एक साथ - शादी
देखते है ये लड़की भी सफेद सूट पहनी थी। फिर चारो उस लड़की को देखते है जिसके पीठ पीछे खड़े नवनीत की बुराई किए
नवनीत - आप राधिका? 
राधिका - जी मै जिसे आपसे आज मिलना था
नवनीत उस लड़की की ओर देख - तो आप कौन??
वो लड़की - सुकून .........सुकून खुराना ब्रिगेडियर तेज प्रताप खुराना की बेटी
चारो लोग एक दूसरे का मुंह ताकने लगते है।
राधिका - तो आप किसी और को देखने आए है ? तो मै ? थैंक्स दरहसल मै आज रही बोलने वाली थी की मै किसी और से प्यार करती हू,,,,आप भी अपनी गर्ल फ्रेंड के साथ खुश रहिए
और वहा से निकल लेती है।
सुकून - गर्ल फ्रेंड? वो भी इस पागल की? कभी नही
नवनीत - देखिए सुकून मेरा वो कहने का मतलब नहीं था। मतलब मेरे अंदर लाख बुराई पर मै अपने महान ब्रिगेडियर सर जैसा बनना चाहता हु
सुकून - तो टकलू कौन है?
नवनीत - अरे मै नही बोलता....वो तो हम लोग प्लान किए थे की मेरे दोस्त मेरी बुराई करेंगे ताकि लड़की शादी को मना कर दे ।
सुकून - क्या ? आप एक लड़की को धोका दे रहे थे?
नवनीत - नही.... देखो वो तो ख़ुद किसी और से प्यार करती है,,,आ मामला क्लियर हो गया
सुमेध - मिस सुकून..... आपको आर्मी कैंप तक छोड़ दे हम लोग
सुकून - नही.... आप लोग बस रास्ता छोड़ दीजिए। मै कार से आई हु चली जाऊंगी।
और चली जाती है।
आलोक - बाप रे..... कुछ भी करके सुकून को समझा देते है ताकि सर से हमारी शिकायत न करे. ....फिर वो अपने रास्ते हम अपने रास्ते
नवनीत - कैसे अपने रस्ते?? अभी तो सर जी को मनाना होगा
प्रविष्ठ - हा तो सर को समझा देंगे की सब झूठ बोला
नवनीत - वो नही..... सर जी क्या मुझे कभी अपना दामाद बनाएंगे?
तीनो एक साथ - नही.... लेकिन ये बात तू क्यू पुछ रहा?
नवनीत - पहली नजर में कैसा जादू कर दिया
तेरा बन बैठा नवू ओ सुकून पिया
तीनो एक साथ चिल्लाते हुए - नही..... तू जानता भी है किसकी बेटी से प्यार कर बैठा?
नवनीत - प्यार किया कोई चोरी नही की.... छूप छूप आहे भरना क्या? जब प्यार किया तो डरना क्या?
सुमेध - तो जाकर ये बात सर को बता
नवनीत - ब्रिगेडियर सर तो वैसे भी मुझसे घड़ा नफरत करते है। अगर पता चला उनको ससुर बनाने की तमन्ना है ऐठे ही गाड़ देंगे,, घड़ा टेंशन में हु छोरे
आलोक - तू सच में पगला गया है,,,कौन कौन सी भाषा बोल रहा?
नवनीत तीनो से - देखो कायनात चाहता है की सुकून मुझसे मिले,,,तभी तो यहां सर के साथ रहने आई। अब बस तुम लोग संभाल लो मुझे
और जैसे ही तीनो की ओर मुड़ता है,,देखता है वहा कोई नही होता
नवनीत देखता है तीनो तेजी से भाग रहे होते है। नवनीत उनके पीछे भागता है।
नवनीत - अरे दोस्त हो कि दुशमन ? 
तीनो भागते हुए - दुश्मन ही मान...............
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अब देखते है इस आर्मी कैंप में ब्रिगेडियर सर के आने से कौन कौन से हंगामे होंगे?
कभी अलविदा ना कहना 💜

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5 Comments

Sachin dev

15-Apr-2022 03:05 PM

Nice part 👌

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Inayat

13-Jan-2022 08:04 PM

Bahut intresting khani h apki, maja a rha h padhne me

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जी, ब्रिगेडियर सर, ने छीना सबका सुकून ऐसी ही है नाम में हलचल तो देखते सामने से क्या होता है। नाइस स्टोरी

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